tag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post1310630892688123355..comments2023-10-17T04:40:05.017-07:00Comments on मा पलायनम !: जौ भरि जाई कुठिला अंगनवा ना ??डॉ. मनोज मिश्रhttp://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-48964639881781997472010-04-17T20:00:55.070-07:002010-04-17T20:00:55.070-07:00बहुत सुन्दर फोटो! अच्छी प्रस्तुति!बहुत सुन्दर फोटो! अच्छी प्रस्तुति!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-60891170675684049722010-02-20T01:16:31.262-08:002010-02-20T01:16:31.262-08:00बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-37317431653248358692010-02-18T21:26:54.632-08:002010-02-18T21:26:54.632-08:00किसानों की झोली भरी रहे, आमीन, सुम्मा आमीन।
-----...किसानों की झोली भरी रहे, आमीन, सुम्मा आमीन।<br /><br />--------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">संवाद सम्मान 2009</a> <br /><a href="http://%20ts.samwaad.com/" rel="nofollow">जाकिर भाई को स्वाईन फ्लू हो गया?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-10608428716194761242010-02-17T18:50:32.917-08:002010-02-17T18:50:32.917-08:00अफसोसजनक स्थितियाँ.अफसोसजनक स्थितियाँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-30616515893333577612010-02-17T04:38:20.717-08:002010-02-17T04:38:20.717-08:00हे गंगा माता ! तुम्हारा ये हाल है हमारा क्या होगा ...हे गंगा माता ! तुम्हारा ये हाल है हमारा क्या होगा !!!!<br />बहुत दिनों बाद लोक गीत सुना है | धन्यवादविवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-43570591793873375252010-02-17T03:18:44.008-08:002010-02-17T03:18:44.008-08:00चित्र बड़े अच्छे लग रहे हैं। पर अरहर में दिक्कत है?...चित्र बड़े अच्छे लग रहे हैं। पर अरहर में दिक्कत है? हमरे कैती त कहत हयें कि मजे क होई जाये रहर!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-85624699093337950902010-02-16T18:45:11.392-08:002010-02-16T18:45:11.392-08:00बेहतरीन पोस्ट.
इस साल -सालों साल ,किसानों की झोली ...बेहतरीन पोस्ट.<br />इस साल -सालों साल ,किसानों की झोली भरी रहे ........आमीन...देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-1904241334974371032010-02-16T11:21:51.728-08:002010-02-16T11:21:51.728-08:00भारत मै किसान अब भी मोसम के ऊपर ही निर्भर करता है,...भारत मै किसान अब भी मोसम के ऊपर ही निर्भर करता है, ओर क्रे भी क्या जब छोटे छोटे खेत है ओर फ़िर वो इन आधुनिक तकनीकी संसाधनो का प्रयोग करे भी तो केसे... क्यो नही सारे मिल कर सांझा खेती करे, ओर मिल कर आधुनिक तकनीकी संसाधनो को खरीद कर इस का उपयोग करे, सभी खुश रह सकते है, ओर सब को भर पेट मिलने के अलाबा वचत भी होगी, क्यो कि विदेशो मै एक किसान के पास बहुत ज्यादा जमीन होती है उअतनी जमीन जितनी हमारे भारत मै २० किसानो के पास, क्योकि युरोप मे खेती की जमीन का बटवारा नही होता, ओर सरकार भी आधुनिक तकनीकी संसाधनो को खरीदने मै मदद करती है,क्या यह सब भारत मै सम्भाव है अगर हा तो सभी खुशहाल हो सकते हैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-54717424401668335382010-02-16T09:49:33.887-08:002010-02-16T09:49:33.887-08:00जी हां मनोज जी, हमारे यहां का किसान हमेशा ही प्रकृ...जी हां मनोज जी, हमारे यहां का किसान हमेशा ही प्रकृति की मार झेलता है. कभी पानी की अधिकता से दुखी तो कभी कमी से. दोनों स्थियों में मार उसी को झेलनी पडती है.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-6284365068947058742010-02-16T09:01:07.317-08:002010-02-16T09:01:07.317-08:00kisanon ki durdasha chintneeya haikisanon ki durdasha chintneeya haideepakkibatenhttps://www.blogger.com/profile/14301325134751200493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-21878815029950179762010-02-16T04:52:22.305-08:002010-02-16T04:52:22.305-08:00सही बात है , मिस्र जी। हमारे देश में किसान अभी भी...सही बात है , मिस्र जी। हमारे देश में किसान अभी भी प्राकर्तिक विपदाओं से त्रस्त रहता है।<br />अगर मौसम ठीक रहा तो ठीक वर्ना सब बर्बाद हो जाता है।<br /><br />लोक गीत बड़ा प्यारा है।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-76279061504538523862010-02-16T03:20:07.177-08:002010-02-16T03:20:07.177-08:00kas eh bat ek mudda banta . thankukas eh bat ek mudda banta . thankusantosh kumarhttps://www.blogger.com/profile/04801534325344413464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-8394967766702053052010-02-16T01:15:12.164-08:002010-02-16T01:15:12.164-08:00कृषि प्रधान देश में कृषकों के साथ कुदरत भी न्याय न...कृषि प्रधान देश में कृषकों के साथ कुदरत भी न्याय नही करती .... पर अगर आधुनिक तकनीक उपलब्ध हो तो शायद समस्या का हाल निकल जाए कुछ हद तक ... <br /><br />आपका लोक गीत झूमा गया ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-35928630431538769002010-02-16T00:35:07.198-08:002010-02-16T00:35:07.198-08:00वास्तव में यह समस्या गंभीर है और विचारणीय भी.
भा...वास्तव में यह समस्या गंभीर है और विचारणीय भी.<br /><br />भारतकोकृषि के विकास में और आधुनिक तकनीकी संसाधनो का प्रयोग करना होगा ताकि प्रकृति पर पूरी तरह से निर्भर होने से बचा जा सके.<br />बहुत से विकसित देश इस का उदाहरण हैं.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-30456183230581630932010-02-16T00:18:56.885-08:002010-02-16T00:18:56.885-08:00सचमुच दुखद है की आज भी खेती किसानी बहुत कुछ कुदरत ...सचमुच दुखद है की आज भी खेती किसानी बहुत कुछ कुदरत की कोप और मेहरबानी पर ही निर्भर है .Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-764845013491106552010-02-15T21:52:07.671-08:002010-02-15T21:52:07.671-08:00बहुत दुखद है यह सब. बहुत सही लिखा आपने.
रामराम.बहुत दुखद है यह सब. बहुत सही लिखा आपने.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-12559886249917925202010-02-15T20:39:11.661-08:002010-02-15T20:39:11.661-08:00दुखद स्थिति है.दुखद स्थिति है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-88218274952737105712010-02-15T20:22:59.432-08:002010-02-15T20:22:59.432-08:00अब इनको कौन समझाये कि अपनी गंगा माई का हाल भी अब ब...अब इनको कौन समझाये कि अपनी गंगा माई का हाल भी अब बेहाल हो चला है ,किसानों की तरह ही<br />सही बात है अब लोक गीत भी अपने मायने खोते से लग रहे हैं धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7498896836438070792.post-58394916084149602612010-02-15T19:46:57.562-08:002010-02-15T19:46:57.562-08:00सुमामिन !!
ये तो हमेशा से किसानो की परेशानी रही है...सुमामिन !!<br />ये तो हमेशा से किसानो की परेशानी रही है !! कई बार तो हाथ को आया और मूह को न लगा .....पहले तो प्रकृति ही तरह तरह के खेल खेलती है लाचार किसानो के साथ ! और अगर माँ प्रकृति की कृपा रही तो मंडी के भावो का उतार चड़ाव धोखा दे जाता है और अगर वहा भी कुछ बात बन गई तो महाजन के महापाश से कोन बचाए गरीब किसानो को ??<br />आजादी के इअताने साल बाद भी किसानो की दशा में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ ये हमारी बहुत बड़ी हार ही तो है!!<br />सादर<br />http://kavyamanjusha.blogspot.com/रानीविशालhttps://www.blogger.com/profile/15749142711338297531noreply@blogger.com