रंगों के त्यौहार होली की बहुत-बहुत शुभकामनाओं के साथ,अपनी पिछली पोस्ट के क्रम में आज फाग-गीत की एक विधा चौताल प्रस्तुत है.फगुआ गायनमें विशेष कर चौताल ( अर्द्ध तीनताल,दादरा,कहरवाऔर फिर अर्द्ध तीनताल ) का आनंद, क्या कहनें.आज इस पोस्ट में चौताल का एक पद ही शामिल किया गया है जिसको स्वर दिया है बाबू बजरंगी सिंह नें.इस गीत में नायिका अपने प्रिय से कहती है कि आप मलिनियाँ (फूल-माला देने वाली महिला ) से यारी मत कीजिये .उसके इन्तजार में आप फुलवारी में खड़े रहते हैं जो कि बहुत लज्जाजनक है और मेरे लिए शर्म की बात है।
इस फाग गीत के बोल हैं-----
मत करहूँ मलिनियाँ से यारी,बलम तोहें बरज-बरज हारी ,
रोज-रोज कर कवन प्रयोजन ,ठाढ़े रहत फुलवारी,
तब तुम केलि करत मालिनी संग,मैं तो मर गयी लजिया के मारी ,
मत करहूँ मलिनियाँ से यारी,बलम तोहें बरज-बरज हारी ।
अब बाबू बजरंगी सिंह के स्वर में सुनिए अवधी का परम्परागत आंचलिक फाग-गीत -चौताल --------
एक बार पुनः होली की ढेर सारी शुभकामनाओं सहित....
इस फाग गीत के बोल हैं-----
मत करहूँ मलिनियाँ से यारी,बलम तोहें बरज-बरज हारी ,
रोज-रोज कर कवन प्रयोजन ,ठाढ़े रहत फुलवारी,
तब तुम केलि करत मालिनी संग,मैं तो मर गयी लजिया के मारी ,
मत करहूँ मलिनियाँ से यारी,बलम तोहें बरज-बरज हारी ।
अब बाबू बजरंगी सिंह के स्वर में सुनिए अवधी का परम्परागत आंचलिक फाग-गीत -चौताल --------
एक बार पुनः होली की ढेर सारी शुभकामनाओं सहित....
बहुत सुन्दर फाग! आनन्द आ गया! शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंयह फाग गीत सुनकर बहुत अच्छा लगा .
जवाब देंहटाएंसाज और सुर का संतुलित मेल.
अनूठी प्रस्तुति.
रंग पर्व की शुभकामनाएँ.
मत करहूँ मलिनियाँ से यारी,बलम तोहें बरज-बरज हारी ,
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर फाग गीत. बाबु बजरंगी कि आवाज में मिटटी कि महक है.
आप और आपके परिवार को होली कि शुभकामनाएँ.
खाँटी अपनी माटी के गीत!
जवाब देंहटाएंजय हो।
सदा आनंदा रहैं यहि द्वारे!
आपको और आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंआनंदम्...आनंदम्।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर फ़ाग गीत, होली पर्व की घणी रामराम.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत बढ़िया और उम्दा पोस्ट सर
जवाब देंहटाएंहोली की ढेर सारी शुभकामनायें !!!!!!!
बेचारी नायिका --
जवाब देंहटाएंलेकिन गीत बड़ा सुन्दर है भाई ।
होली की बधाई ।
Bahut sundar laga ye geet.
जवाब देंहटाएंHolee kee dheron shubhkamnayen!
फाग गीत सुनकर मस्ती छा गई जी, बहुत सुंदर गीत, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर फाग गीत ...
जवाब देंहटाएंपर्व की बहुत शुभकामनायें !
बहुत सुन्दर ...फाग गीत तो गाँव में ही सुनते थे ...अब तो सिर्फ उस होली की यादें ही बाकी रह गयी हैं ! शुभकामनायें आपको !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर फाग गीत....होली की बहुत शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंवाह ....बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही आनंद दायक गीत सुनवाया, होली की शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम
इतना सुंदर फाग सुनाने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंहोरी है।
जवाब देंहटाएंहोली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं।
ब्लॉगवाणी: अपने सुझाव अवश्य बताएं।
badhiya hai........
जवाब देंहटाएंHamesha Ki Tarah Zabardast Hai Sir Ji ............
जवाब देंहटाएंBahut Badhiya.
जवाब देंहटाएं-----------
क्या ब्लॉगों की समीक्षा की जानी चाहिए?
क्यों हुआ था टाइटैनिक दुर्घटनाग्रस्त?
बहुत सुन्दर फाग! आनन्द आ गया! शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंoh hoलि ke baad aaj aayee aapake blog par? magar geet kaa aanand to le liya sundar geet badhai.
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंmanoj jee kyaa baat hai aap to faag me hee ulajh kar rah gaye naI posT nahee likhee itane din se?
जवाब देंहटाएंबहुत देर से...बेहतरीन फाग गीत...आनन्द आज लिया गया पूरा.
जवाब देंहटाएंDer se ane ka dukh hi....
जवाब देंहटाएंpar padhane ki utani hi khusi si bhi...
badhai...
hamre yaha bhi ayeye.....hamara bhi haushla badhaiye.