गुरुवार, 30 अक्तूबर 2008
लैप टॉप वाले ज्योतिषियों से दुखी हमारे गुरू जी .
आज कल इलेक्ट्रानिक मीडिया ,सामाजिक सरोकार को लेकर खूब सक्रिय हो गया है .एक ओर जहाँ इसी देश में चाँद छूने की जल्दी है वहीं हमारे मीडिया वाले मित्र नाग-नागिन ,भूत -प्रेत ,ग्रहपूजा(जो कि रोज किसी न किसी ग्रह का आगमन होता ही रहता है ) ,डाक बंगलो का रहस्य या फिर सूर्य या चंद्र ग्रहण ने आप के स्वास्थ ,पुत्र (पुत्री नही ),धन एवं ऐश्वर्य को कितना नुकसान पहुचाया है या फिर उसका क्या इलाज है . आदि आदि -इत्यादि दिन भर बताते रहते है . ये जब से लैप टॉप वाले ज्योतिषी आ गए है ,तबसे चैनल वाले मेरे मित्र भीबेहद सक्रिय हो गए है .मेरे गावं के पास ही एक ज्योतिष के प्रकांड विद्वान है .बयोवृध हैं एवं एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में ज्योतिष विभाग में आचार्य भी रह चुके है .वे टेलीविजन के लैप टॉप वाले ज्योतिष भाइयो की रोज -रोज की भविष्यवानियों से काफी दुखी रहते है .उन्हें सबसे ज्यादा मलाल तो तब होता है जब उनके घर वाले यह कहते है की आप भी जल्द लैप-टॉप क्यो नही ले लेते .गुरु जी प्राचीन गुरुकुल परम्परा के ज्योतिषी है .वे विद्या दान को सबसे बड़ा दान समझते है.चाहे लाख रूपये का आफर दे दीजिये ,भविष्य वाणी करेंगे वही जो सही हो.वे चेहरा देख कर केवल फायदे वाली बात ही नही बताते बल्कि यह भी बताते है कि कोई चिंता की बात नही है ,आप को दवाई की जरूरत है ज्योतिषी की नही .अब उनके घर वाले उन्हें चकाचौंध वाली दुनिया में ले जाना चाहते , वह भी लैप -टॉप के साथ. उन्होंने मुझे अभी -अभी राय -मशविरा के लिए बुलाया था .मैंने कल तक के लिए समय लिया है .आप सभी मित्रो से मेरा निवेदन है की आप सब मुझे बताये कि मै उनको क्या उत्तर दूँ ? कि वे लैप -टॉप लेकर ज्योतिष की इस चकाचौंध भरी दुनिया में उतर जायें ?
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आज के युग में मौलिकता से किसी को मतलब नहीं है , सबकी नजर चकाचौंध पर ही रहती है। आप उन्हें जो भी उत्तर दें , हमें भी बताएं भाई। मुझे भी इस विषय पर निर्णय चाहिए।
जवाब देंहटाएंइसमे कोई बुराई तो है नही ! अच्छा है आपके पास कोई विद्द्या है तो मीडिया द्वारा आप ज्यादा लोगो तक पहुँच पायेंगे ! रही सवाल मीडिया की बेवकूफियों की तो ये तो उनकी मन मर्जी पर है ! चाहे उसमे शामिल हो के खीर खाए और आत्मा गवाही ना दे तो अपने नियम पर दृढ़ रहे ! दोनों ही हालत में हमारी शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंप्रौद्योगकी मौलिक ज्ञान रुपी महारानी की चेरी है -उससे पैर दबवाने में कोई उज्र नही होना चाहिए -वैसे पंडित जी वृद्ध हो गए हैं उन्हें भी चेरी की परिचर्या मिल जाय तो इसमे हर्ज ही क्या है ?पर उन्हें अपने विचारों में थोड़ी आधुनिकता तो लानी होगी .
जवाब देंहटाएंइसमे कोई बुराई तो है नही ! अच्छा है आपके पास कोई विद्द्या है तो मीडिया द्वारा आप ज्यादा लोगो तक पहुँच पायेंगे ! रही सवाल मीडिया की बेवकूफियों की तो ये तो उनकी मन मर्जी पर है ! चाहे उसमे शामिल हो के खीर खाए और आत्मा गवाही ना दे तो अपने नियम पर दृढ़ रहे ! दोनों ही हालत में हमारी शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंभाई हम भी ताऊ की बात से सहमत है
अभी शायद दो तीन कुण्डली बना पाते हों..लेपटॉप से २० बना लेंगे. केलकूलेशन का बडा समय बचेगा. प्रेडिक्शन तो उन्हीं के रहेंगे. ज्यादा लोग उनकी विद्या से लाभान्वित हो पायेंगे. समाज का क्ल्याण होगा. अतः दिलवा ही दिजिये.
जवाब देंहटाएंआज कल तो इसी लैप टाप की टिप टॉप हैं ...स्वागत है आपका हिन्दी ब्लॉग में
जवाब देंहटाएंक्या हुआ फ़िर बताया जाये?
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