तूँ न आये कोई गिला नही
मगर अपना हसीन ख्याल दे
मेरी शाम धुंध में कट गयी
मेरी रात को तो संवार दे|
मेरे गम जो हैं ,वो रहेंगे भी
मेरी उम्र कम हो दुआ करो
अभी हूँ मै कल कभी ना रहूँ
मुझे लमहे भर का करार दे|
नही शिकवा है इस बात का
तेरा साथ मुझको न मिल सका
मेरा ख्याल तेरे जेहन में है
बस इतना मुझको पयाम दे|
(इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डायमंड जुबिली हॉस्टल में अध्ययन के दौरान , समकालीन कई पत्रिकाओं में प्रकाशित ,मेरी एक रचना जिसे मैंने आज की ही तारीख 5 फरवरी 1989 में लिखा था ,ब्लाग जगत से जुड़े शुभेच्छुओं के लिए पुनः दुहरा रहा हूँ .....,आशा है पसंद आयेगी. )
गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010
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तू ना आये कोई गिला नहीं ...बस हसीं ख्याल दे दे ...यहाँ तक तो ठीक था ...उम्र कम करने की दुआ क्यों दे दे .... जियो हजारों साल ....!!
जवाब देंहटाएं----------बहुत बेहतरीन गजल,हर लाइन भाव विभोर कर रही है,मन से लिखी गयी रचना,धन्यवाद --------
जवाब देंहटाएंअरे वह , लाजवाब गजल लगी ,आपके शब्दो का चयन भी बेजतरीन लगा ।
जवाब देंहटाएंवाकई लाजबाब हमें भी हमारे कॉलेज के दिन याद आ गये। :)
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता!
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत सुंदर लिखते हैं आप.
जवाब देंहटाएंबहुत पसंद आई...अभी भी लिखा करिये!
जवाब देंहटाएंbadhiya hai manoj ji khajane aur pesh kijiyega..ham intzaar kar rahe hain
जवाब देंहटाएंमेरा ख्याल तेरे जेहन में है
जवाब देंहटाएंबस इतना मुझको पयाम दे|
वाह बहुत सुन्दर कविता है । पुरानी चीज़ें नई से अधिक अच्छी लगती हैं । शुभकामनायें
नही शिकवा है इस बात का
जवाब देंहटाएंतेरा साथ मुझको न मिल सका
मेरा ख्याल तेरे जेहन में है
बस इतना मुझको पयाम दे|
बहुत सुंदर रचना, और भी लिखियेगा.
रामराम.
तूँ न आये कोई गिला नही
जवाब देंहटाएंमगर अपना हसीन ख्याल दे
मेरी शाम धुंध में कट गयी
मेरी रात को तो संवार दे|
क्या बात है , बहुत सुन्दर !
सरलता और सहजता का अद्भुत सम्मिश्रण बरबस मन को आकृष्ट करता है।
जवाब देंहटाएंतूँ न आये कोई गिला नही
जवाब देंहटाएंमगर अपना हसीन ख्याल दे
मेरी शाम धुंध में कट गयी
मेरी रात को तो संवार दे|
बहुत ही सुन्दर शब्द रचना ।
बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंपिलानी में किसी सहपाठिनी ने हमें जरा भी घास डाली होती तो हम भी अपना दिल उंडेलने की कविता लिख पाते!
पता नहीं आपकी जवानी कैसी रही - हमारी तो रही सपाट और बन्जर! :-(
@ज्ञान सर ,बहुत सटीक आकलन है आपका,आभार.
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर अभिव्यक्ति..उम्दा रचना...बधाई
जवाब देंहटाएं______________________
शब्द-शिखर पर इस बार काला-पानी कहे जाने वाले "सेलुलर जेल" की यात्रा करें और आपने भावों से परिचित भी कराएँ.
'मेरे गम जो हैं ,वो रहेंगे भी
जवाब देंहटाएंमेरी उम्र कम हो दुआ करो'
--
'मेरा ख्याल तेरे जेहन में है
बस इतना मुझको पयाम दे|'
वाह!वाह!!
क्या खूब शायरी लिखा करते थे आप! बहुत सुंदर !
बड़े गजब के भाव हैं। लग रहा है जैसे भावों को कटोरे में उड़ेल दिया है।
जवाब देंहटाएं--------
ये इन्द्रधनुष होगा नाम तुम्हारे...
धरती पर ऐलियन का आक्रमण हो गया है।
achcha laga sir padhkar. bhavnayen shabdon me poori ravani ke sath utaree hain.
जवाब देंहटाएंनही शिकवा है इस बात का
जवाब देंहटाएंतेरा साथ मुझको न मिल सका
मेरा ख्याल तेरे जेहन में है
बस इतना मुझको पयाम दे|
blog jagat mein ab tak ki sabse behtareen panktiyan meri nazar mein. Dil se Badhai!!
सुन्दर रचना है शिकायत ये है की अब आप अपनी रचनाएँ कम पढवाते हैं और दूसरों की ज्यादा जरा गौर कीजियेगा
जवाब देंहटाएंमेरे गम जो हैं ,वो रहेंगे भी
जवाब देंहटाएंमेरी उम्र कम हो दुआ करो
अभी हूँ मै कल कभी ना रहूँ
मुझे लमहे भर का करार दे .....
बहुत ही लाजवाब कविता ....... बहुत खूबसूरत लिखा है ......
क्या खूब गजल की लय सधी गयी है .. '' तेरा जाम लेने को बज्म
जवाब देंहटाएंमें , कोई और हाँथ बढ़ा न दे '' .. गजल सुनी थी .. उसका स्मरण
हो गया ..
ज्ञान जी की बात में दम है , चाहे जो हो ......... :)
सुन्दर ग़ज़ल कही पंडितजी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने ! इस उम्दा रचना के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना है।
जवाब देंहटाएंइतनी पुरानी रचना लेकिन असर अब तक बरकरार...वाह...आनंद आ गया...
जवाब देंहटाएंनीरज
अब ज्ञान जी वाली शिकायत तो मैं नहीं कर सका, पर आपने दिलेरी से स्वीकारा, इसके लिए आपको साधुवाद.
जवाब देंहटाएंयहाँ ब्लॉगवुड अपना ब्लॉग दर्ज करवाएं। मुझे खुशी हो गई, शायद आपको भी।
जवाब देंहटाएंमेरी शाम धुंध में कट गयी
जवाब देंहटाएंमेरी रात को तो संवार दे|
बहुत ही सुन्दर शब्द रचना ।
नही शिकवा है इस बात का
जवाब देंहटाएंतेरा साथ मुझको न मिल सका
मेरा ख्याल तेरे जेहन में है
बस इतना मुझको पयाम दे|
बहुत सुन्दर!
वाह!वाह!! बहुत सुन्दर! सुन्दर ग़ज़ल ---- बेहतरी से एक सरल सी दिलचस्प बहुत ही लाजवाब कविता/गजल लिखी है ...... /***
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