शनिवार, 20 मार्च 2010

गौरैया आयी है .......


शहरों में,समाचार पत्रों में और ब्लागजगत में भी आज गौरैया चिंतन छाया रहा .घरों में फुदकने वाली गौरैया का आज दिन जो था .दिन-भर विश्वविद्यालय से लेकर शहर तक कि पर्यावरण विदों से मुलाकात हुई,इसी विषय पर बात हुई और अंततः कमोबेश बात इसी बात पर खत्म हुई कि विकास की सतत प्रक्रिया का नकारात्मक पक्ष ही इसके लिए जिम्मेदार है .
लेकिन एक राज की बात बताउं,मुझे अपने पर बड़ा गर्व भी हो रहा था वह इसलिए कि बचपन से अब तक, मेरे घर में एक साथ विभिन जगहों पर एक-दो-तीन नहीं बल्कि कई दर्जन गौरैया रह रहीं हैं.जब से जाननें-समझनें की समझ विकसित हुई तब से अपनी भोजन की थालियों के आस-पास उन्हें मंडराते देखा है. अभी -अभी शाम को मैंने इनकी गिनती की ,अभी भी ये १४ की संख्या में घर में हैं.हम सब के यहाँ परम्परा से, एक लोक मत इस चिड़िया को लेकर है वह यह कि -जिस घर में इनका वास होता है वहाँ बीमारी और दरिद्रता दोनों दूर-दूर तक नहीं आते और जब विपत्ति आनी होती है तो ये अपना बसेरा उस घर से छोड़ देती है .
अब नीचे देखिये मेरे घर में डेरा जमायी हुई इन गौरैया चिड़ियों को , घोसला के साथ , सचित्र झांकी ...................














40 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छी प्रस्तुति। सादर अभिवादन।

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  2. घर बाहर देख आया। यहां गौरैया शायद आज छुट्टी पर है - कैजुअल लीव पर! :-(

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  3. सचमुच भाग्यशाली हैं आप। आज ऐसे ही एक विचार मन में आया लोग तोता मैना की तरह गौरैया क्यों नहीं पालते?

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  4. @ पाण्डेय सर,उसे घर में न्योता दीजिये.
    @गिरिजेश भाई साहब,बहुत सही सुझाव है.

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  5. चित्रमय झांकी अच्छी है.....
    ...........
    ..................
    विश्व गौरैया दिवस-- गौरैया...तुम मत आना...http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_20.html

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  6. गौरैया के बारे में और इस बार में लोकोक्ति है बताने के लिए आभार .

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  7. बहुत सुंदर..
    गौरैया के साथ उक्त किम्वदंति मैंने भी सुनी है ...
    बहुत प्यारी और जोड़े में रहने वाली चिड़िया हैं ये
    नर और मादा दोनों को आसानी से पहचान सकते हैं
    जब से फ़्लैट और ए सी बंगलों की संस्कृति पसरी है
    शहरों में गौरैया कम ही देखने को मिलती है
    ... बधाई

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  8. हमारे शहर में तो चिड़िया ढूंढें से भी नहीं मिलती। आपने तस्वीरो में दिखाकर दिल खुश कर दिया । आभार।

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  9. ishvar kre ye goreya apke ghar me hmesha rhe .
    gangaour aur lok geet ke bare me pdhe abhivykti par .dhnywad

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  10. बहुत सुंदर जी, वेसे भारत मै हमारे घर मै क्या पुरे शहर मै ही मुझे यह गोरैया नही दिखी... ओर आप की लोकोक्ति.... याद आते ही डर लगता है जी

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  11. मेरी मुम्बई में गौरेया की कोई कमी नहीं.. इफ़रात हैं।

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  12. आज एक ही दिन में दो अलग अलग ब्लागों पर गौरैया के बारे में दो पोस्ट ! अच्छा लगा.

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  13. insan ne dil se aadmeeyat mita di,
    sharafat, mohabbat nazakat mita di,
    kankreeton ke jugle me dil mohabaat se khali hain,
    gauraiya rahegi kahan, sabne gharon se khidkiyyan jo hata di.

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  14. गौरैया के चित्र देखकर खुशी हुई कि कहीं तो इफ़रात मे पायी जाती है.

    बहुत् शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  15. बढ़िया है...

    _____________
    पाखी की दुनिया में देखें-"मेरी नन्हीं गौरैया"

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  16. अरे मेरी पहली टिप्पणी कहाँ गयी ?

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  17. अरे...!
    ये सब गौरैया तो मेरे घर की हैं..!!
    फोटो खिचाने आप के घर चली गयी होंगी.
    ...अच्छा लगा देखकर.
    हम वृक्ष लगाएं
    दाना पानी दें
    गौरैया तो आयेगी ही
    हाँ,
    इसे पालने का विचार छोड़ दें
    बस ऐसी आबोहवा दें
    कि ये सलामत रहें
    जबतलक ये हैं
    हम भी चहका करेंगे.

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  18. 'सुबह साढ़े चार बाजे से आप इन sparrows का कलरव हमारे यहाँ सुन सकते हैं.
    हमारे घर के आस पास बहुत greenary हैं isliye bhi बालकनी में तो बहुत आती रहती हैं.
    बाजरा -पानी जब से रखना शुरू किया है तब से ज्यादा आती हैं.
    आप ने सुन्दर चित्र लिए हैं...'
    'लोकोक्ति'-इनकी इतनी महत्ता है , मालूम नहीं था.

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  19. @Manoj ji,
    ye sukhe bhutte[corns] aise kyun rakhe hain?inhen thode kha pati hongi ye birds??

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  20. yah padh kar bahut hi achha laga ki aapke ghar me dher saari goutaiya hain man ko bahut hi sakun mila sach.
    poonam

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  21. गाँव में इनकी चहचाहट आज तक याद है .... शुभकामनायें !

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  22. अजी सारी गौरईया तो आपके घर चली गयीं तभी तो हमारे घर नहीं आतीं

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  23. हम तो गौरैय्या को देखने को ही तरस गये हैं.

    आपने इतने चित्र दिखाये, मज़ा आ गया.

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  24. एक बार फिर से अतीत की डगर पर गौरैया के साथ बचपन के दिन.बहुत ही खूबसूरत और मनभावन पोस्ट.


    ________________
    ''शब्द-सृजन की ओर" पर- गौरैया कहाँ से आयेगी

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  25. मेरी दादी का प्रबल विश्वास था की घर में आने वाली चिड़िया सुख समृद्धि लाती हैं ! नीलकंठ को तो देखते ही हाथ जोड़ लेती थीं ! इसलिए हमारे यहाँ चिड़ियों के दाना-पानी की परम्परा बहुत पहले से ही चली आ रही है ! हमारे यहाँ रोज सवेरे चिड़ियों का झुण्ड का झुण्ड आता था ! आस-पास के पेड़ों के काटने के कारण अब इनकी संख्या में निरंतर कमी दिखाई देने लगी है !
    -
    -
    क्या हम हर चीज का दिवस ही मनाते रहेंगे ?
    जो भी चीज लुप्तमान हो उसके नाम पर एक ख़ास "डे" घोषित कर दो .... बस !
    -
    -
    बहुत सुन्दर चित्र और मनभावन पोस्ट
    शुभ कामनाएं

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  26. बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! एक से बढ़कर एक चित्र आपने लगाये हैं! मुझे पहला चित्र खासकर बेहद पसंद आया! गौरैया का चित्र आपने इतना सुन्दर लिया जो प्रशंग्सनीय है! इस उम्दा पोस्ट के लिए बधाई!

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  27. हाँ, लोग गौरैया क्यों नहीं पालते !
    वैसे यह सोच कर खुश हो रहा हूं कि चार गौरैया तो मेरे भी बैठके में विद्यमान हैं एक किनारे ! उन्हें आईने के सामने बैठ कर अपना मुंह देखते देखना बड़ा प्रीतिकर लगता है मुझे !
    इस सुन्दर प्रस्तुति का आभार ।

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  28. कट गये पीपल ठिकाना पंछियों का खो गया
    आना-जाना-चहचहाना पंछियों का खो गया
    ........

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  29. हमारे जयपुर वाले घर में मैंने छोटी छोटी मटकियों में छेड़ कर के चिड़ियों के रहने के लिए घर बनाये हुए हैं...पिछले पच्चीस सालों से उनमें चिड़ियाएँ रह रही हैं...रोज सुबह शाम उनकी चहचाहट सुन कर सारी थकन अवसाद उड़न छू हो जाता है...
    नीरज

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  30. बहुत ही सुन्‍दर चित्रमय प्रस्‍तुति , बधाई

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  31. मनोज जी जहाँ आँख खुले वहीं सवेरा
    ये हमने कैसा समाज रच डाला है
    जो कुछ चमक रहा है शर्तिया काला है

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  32. Aapne bachpan yaad dila diya! Sainkadon aaspaas uda karti,andar ghus ghosale banaya karti..aaj nadarat hain..kab socha tha aisabhi hoga?

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  33. लाजवाब चित्र देख कर मज़ा आ गया ... गौरैया का फुदकना देख कर अभी भी मन पुलकित होता है ...

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  34. सुन्दर प्रविष्टि ..
    मेरे भी घर में गौरैय्या रहती हैं ! याद आने लगे बहुत से प्रसंग , आंटे
    की लोई में चोंच मार देती है .... आदि - आदि .....
    @ हिमांशु ,
    आईने पर ये सब चोंच मारती हैं , मारे ईर्ष्या के , इहाँ 'प्रीति' कहाँ ! / ?

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  35. गौरैया और भुट्टे के फोटो आज दुबारा देखे और अच्छे लगे। सुन्दर!

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  36. sir ji gauraiya ke lupt hone par kuch prakash daliye aakhir ganvo ki gauraiya ganv kyo chod rahi hai

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  37. Mere ghar Aaj bhi 6 gaurya Aur bhi chidiyan aati hai man khus rahta hai Aur jivan me Kya chahiye hum sbhi tuch me rahe Isliye meri Salah hai Kyu Na hum ek Whattsup group banaye agr ho to Muje bhi add Kare 9286414472 plese

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