रविवार, 15 मार्च 2009

चैत मास में फागुनी फुहार

पहले तो मै यह खेद प्रकाश कर दूँ कि अन्यान्य कारणों से , विगत दो माह से मैं हिंदी चिट्ठा
जगत से दूर रहा .मुझे एहसास है कि मेरे शुभचिंतको को मेरी कमी खली होंगी, खास तौर पर जाकिर अली रजनीश ,ताऊ रामपुरिया जी ,रंजना भाटिया जी और समीर लाल जी के प्रति मैं बहुत आभारी हूँ कि जिन्होंने कभी सीधे और कभी बजरिये मेरे बड़े भैया डॉ अरविन्द मिश्र जी के जरिये मुझे याद किया .
सभी को होली की तनिक बिलम्बित शुभकामना के साथ यह भी जोड़ दूँ की यू .पी के पूर्वांचल में चैत माह के शुरुआती ८ दिन तक भी फागुन की फुहार पड़ती रहती है .इसलिए हमलोगों की होली तो अभी -अभी बीती है जिसका भब्य समापन हमारी कुल परम्परा के "आठो -चैती "के रंगा - रंग एवं झंकार कार्यक्रम से हुआ .कुछ बानगी आप के लिए भी . विशेष विवरण के लिए मैंनेबड़े भैया से अनुरोध किया है ,जो अपने निर्वाचन कार्यों के अतिशय ब्यस्तता के बावजूद भी इसपारम्परिक कार्यक्रम में देर से ही सही लेकिन शामिल हुए .
तो फिलहाल कुछ क्षणों का आप यहाँ और यहाँ आनन्द ले सकते हैं । " चैत माह की अमराई में चैता ,चहका और चौताल " समारोह में हम सब के साथ आप सब भी भागीदार बनिए और अपनी प्रतिक्रिया जरूर दीजिये .

13 टिप्‍पणियां:

  1. punah chitta jagat mein agman ke liye bhadai , asha hai ab lambe samay tak door na raheinge....

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  2. वापसी का स्वागत ..इन लिंक्स में आवाज़ नहीं सुनाई दे रही है

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  3. देर से ही सही , आपको भी होली की शुभकामनाएँ।
    घुघूती बासूती

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  4. आपका पुन: स्वागत है, आपको पढ़कर अच्छा लगा!

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    गुलाबी कोंपलें

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  5. आपकी पोस्ट पढकर बहुत अच्छा लगा. होली के मौसम मे आपका आगमन बहुत सुखद लगा. शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  6. पढ़कर अच्छा लगा... शुभकामनाएँ...

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  7. वाह! खेलैं मसाने में होली!
    देर से सही, होली मुबारक!

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  8. चलिए होली के बहाने आपके दीदार तो हुए। होली और ब्लॉग जगत में फिर से सक्रिय होने की शुभकामनाएँ।
    -जाकिर अली रजनीश

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आपकी टिप्पणियाँ मेरे ब्लॉग जीवन लिए प्राण वायु से कमतर नहीं ,आपका अग्रिम आभार एवं स्वागत !