पण्डितजी सर्वप्रथम तो २८ मई के खरबूजे वाले आलेख के लिए आपका बहुत बहुत आभार। जानकारियाँ अत्यंत रोचक थीं। बाद इसके अमर उजाला में लेख छपने की बहुत बहुत बधाई। प्रिंट मीडिया को भी अपना दोस्त बनाने का अब समय आ रहा है ऐसा लगता है। हम सबको मिलकर इस बारे में कुछ क़दम उठाने चाहिये शायद। आपकी क्या राय है सर ? अमर उजाला को हमारी ओर से धन्यवाद भी प्रेषित कीजिएगा। आपका मित्र।
जमैथा के खरबूज की चर्चा तो सुनी थी पर आपने तो उसे विश्व-प्रसिद्ध बना दिया..बधाई !! _______________ विश्व पर्यावरण दिवस(५ जून) पर "शब्द-सृजन की ओर" पर मेरी कविता "ई- पार्क" का आनंद उठायें और अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराएँ !!
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*भ्रम रोमांचित करता है* जब किसी की नई नई तोंद निकलना शुरू होती है तो वो
बंदा बड़े दिनों तक डिनायल मोड में रहता है. वह दूसरों के साथ साथ खुद को भी
भ्रमित करन...
Sifat dan Tabiat ular kobra ( Pawang Ular )
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Tinggal jauh dari mereka di musim kawin ular! Jika tidak, baca Kkage
......PJ Deoras buku terkenal "Ular dari India" (NBC TV, New Delhi) adalah
kesempatan ...
युवराज का एक और त्याग !
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" युवराज राहुल गाँधी ने दोयम दर्जे से रेलयात्रा की !"
देश धन्य धन्य हो गया. समाचार पत्रों में मुख्य पृष्ठ पर छापने के लिए हमारी
मीडिया को कोटि कोटि प्रणाम...
नया मौसम
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नया मौसम
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*जिस दम रात के उस पहर*
*ओस का आलिंगन पा कर*
*किरणों की बारिशें*
*खामोशियों के सैलाब*
*तुमाहरी कलाई थाम कर*
*बे इन्तहा रक्स कर...
Melaka (Malaysia) 4 (Concluding)
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Authored by
PN Sampath Kumar,
Cochin Shipyard, Kochi
The rule by the English East India Company, Calcutta, attracted Indians to
Melaka and other p...
Daryaganj in aerocity
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Daryaganj in aerocity पढ़कर चौंकिए मत । दरअसल में daryaganj एक रेस्टोरेंट
का नाम है जो कि एयरोसिटी में है । यूं तो एक दो बार हम लोगों ने वहां से
खाना मंग...
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वस्तुतः पहुंचे हुए गुरुओं को योग्य शिष्य की जरुरत होती है
और
उन्हें योग्य शिष्य अक्सर नहीं मिलते
इसीलिए उनके पास शिष्यों के नाम पर जमवाड़ा नहीं लगता और वह अपन...
खूब पहचानती हूँ
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खूब पहचानती हूँ
मैं…….
तुमको और तुम्हारे
समाज के नियमों को
जिनके नाम पर
हर बार…….
मुझे तार-तार किया जाता है
किन्तु अब…..
मेरी आँख का धुँधलका
दूर हो चुका है
अ...
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*'गिद्धों का स्वर्णकाल' का लोकार्पण *
आज (16 फरवरी, 2024) एक सुखद एवं संतुष्टिप्रद दिन! विश्व पुस्तक मेला , नई
दिल्ली में मेरे ( हरिशंकर राढ़ी) दूसरे व्...
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है
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कहते हैं, मुसीबत कैसी भी हो, जब आनी होती है-आती है और टल जाती है-लेकिन जाते
जाते अपने निशान छोड़ जाती है.
इन निशानियों को बचपन से देखता आ रहा हूँ और ख...
सरल करें!
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बचपन में किसी बात पर किसी को कहते सुना था – “अभी ये तुम्हारी समझ में नहीं
आएगा। ये बात तब समझोगे जब एक बार खुद पीठिका पर बैठ जाओगे।” यादों का ऐसा है
कि क...
बैंगलोर से टोक्यो यात्रा
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18 मार्च की रात 9 बजे घर से बैंगलोर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 2
के लिये निकले और ट्रैफिक होने के बावजूद 10.20 पर पहुँच गये। हवाई अड्डे पर
सुरक्ष...
रंग चैत्र महीने के
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*रंग चैत्र के ...*
चैत्र का महीना बदलाव का महीना है , नए रंग में कुदरत जैसे खुद से मिला कर
सम्मोहित करती है।
अमृता ने इसी महीने से जुड़ा बहुत कुछ ...
राजनीति में पोर्न, पोर्न की राजनीति
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यह समय ऐसा है बंधुवर कि विद्वजन जिसके बारे में कह गए हैं कि करो सब लेकिन इस
तरह से कि जिस तरह से दानी लोग दान दिया करते हैं जिसमें दाएं हाथ को पता न
चले क...
मछली का नाम मार्गरेटा..!!
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मछली का नाम मार्गरेटा..
यूँ तो मछली का नाम गुडिया पिंकी विमली शब्बो कुछ भी हो सकता था लेकिन मालकिन
को मार्गरेटा नाम बहुत पसंद था.. मालकिन मुझे अलबत्ता झल...
कहानी संग्रह अधूरे अफसाने-लावण्या दीपक शाह
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अभी अभी लावण्या शाह (लावण्या दीपक शाह ) के कहानी संग्रह अधूरे अफसाने को
पूरा किया है। चार बाल कहानियों को समेटे कुल ग्यारह कहानियों के इस गुलदस्ते
को लावण...
ब्लागिँग सेमिनार की शुरुआत रवि-युनुस जुगलबंदी से
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और ये उद्घटान हो गया। उद्घटान नहीँ भाई उद्घाटन हो गया-ब्लागिँग सेमिनार का।
वर्धा विश्वविद्यालय के हबीबा तनवीर सभागार मेँ वर्धा विश्वविद्यालत द्वारा
आय...
कहते है हिन्दूस्तानी है हम....(सत्यम शिवम)
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कहते है हिन्दूस्तानी है हम,
पर जुबान पे अंग्रेजों की भाषा बसती है,
देख के अपनी विलायती तेवर,
हिन्दी हम पर यूँ हँसती है।
क्या बचपन में पहला अक्षर,
माँ कहने मे...
परीक्षा-काल
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एक जमाना बीत गया स्कूल कॉलेज छूटे हुए परन्तु जब भी यह मौसम आता है, अचानक
अपने इम्तिहान के दिनों की याद आने लगती है। मानों अब भी किसी परीक्षा की
आधी-अधूर...
पटना यात्रा के अनुभव भाग - 2
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अगली सुबह सोकर उठे तो चाय सुडकने की तलब लगी और किसी गुमटी ठेले पर चाय
सुडकने का एक अलग ही आनंद होता है. गुमटी पर चाय सुडकने जावो तो वहां के खास
देशी लोगों ...
तुम्हारा दिसंबर खुदा !
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मुझे तुम्हारी सोहबत पसंद थी ,तुम्हारी आँखे ,तुम्हारा काजल तुम्हारे माथे पर
बिंदी,और तुम्हारी उजली हंसी। हम अक्सर वक़्त साथ गुजारते ,अक्सर इसलिए के, हम
दोनो...
शिक्षक दिवस
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शिक्षक दिवस नज़दीक आरहा है, किन्तु शिक्षकों की दशा देख मन घबरा रहा है।
वर्तमान में सर्वाधिक चर्चित एवं आरोपित
शिक्षक ही है। वह अनेक आलोचनाओं का शिकार हो रह...
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जल क्रांति अभियान
व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई है-बिहाणी
श्रीगंगानगर। सेठ जीएल बिहाणी सीनियर सैकेंडरी स्कूल के हाल में सोमवार शाम
आयोजित बैठक में पहुंचे अनेका...
माँ नर्मदा की महा आरती
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जबलपुर स्थित माँ नर्मदा के तट ग्वारीघाट में माँ नर्मदा मंडल द्धारा
प्रतिदिन सायंकाल ७.३० बजे माँ नर्मदा की महा आरती की जाती है जिसमें हजारों
भक्त उपस...
किताबों की दुनिया - 257
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तू वही नींद जो पूरी न हुई हो शब-भर
मैं वही ख़्वाब कि जो ठीक से टूटा भी न हो
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मेरी आंखे न देखो तुमको नींद आए तो सो जाओ
ये हंगामा तो इन आँखों में शब भर होने...
अंधकार निरोधक अध्यादेश
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कल सुबह टहलने निकले। बहुत दिनों के बाद। सड़क पर चलता पहला इंसान ऊंघता हुआ
दिखा। बेमन से टहलता। चेहरे पर उबासी लादे चलता। फुटपाथ की ठोकर से सहम कर
चौकन्...
हिन्दू मंदिर, परंपराएं और महिलाएं निशाने पर क्यों
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*हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi*
*अभी सकट चौथ बीता। आस्थावान हिन्दू स्त्रियाँ अपनी संतानों के दीर्घायु होने
के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। चं...
टिन्डिस (Tyndis) जिसे पोन्नानि कहते हैं
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रोमन साम्राज्य के अभिलेखों में भारत के दक्षिणी तट के टिन्डिस (Tyndis) नामक
बंदरगाह का उल्लेख मिलता है और आज के “पोन्नानि” को ही इतिहासकारों ने टिन्डिस
होने...
चक्रधर दुबे
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चक्रधर जी ने बताया कि वे सवेरे चार बजे बिस्तर छोड़ देते हैं। नित्यकर्म के
बाद एक घंटा साइकिल चलाते हैं। दो ढ़ाई किलोमीटर धीरे, काहे कि वह शहर और
गलियों में ह...
इंटरनेट विज्ञापनों की दुनिया में निजता
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भारत में टीवी और रेडियो की शुरुआत सुचना और मनोरंजन से हुई थी लेकिन जल्दी
ही विज्ञापनों के जरिये इन दोनों माध्यमों का आर्थिक दोहन शुरू हो गया |धीरे
–धीरे...
निर्मल बाबा केवल एक नहीं है : अन्तर सोहिल
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इंदु आहूजा, लाल किताब वाले गुरूदेव और अन्य बहुत सारे ज्योतिष बताने और
यंत्र बेचने वाले टीवी चैनलों के जरिये धर्मांध जनता को शोषित कर रहे हैं। कई
बार तो लग...
मैं एक दिन धूप में
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मैं एक दिन धूप में
घर की दीवारों पर बैठ
घर की दीवारों की बातें
उसे सुना बैठा
और उसका हाथ
दीवार से हमेशा के लिए
हटा बैठा
उसका साथ
दीवारों से हमेशा के लि...
खूबसूरत मेघालय
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*कुछ समय पहले ही मैं अपनी मेघालय की यात्रा से वापस लौटी हूं। कुछ दिन
मेघालय में बिताने के बाद बहुत कुछ जानने समझने को मिला। अभी के लिये वहां की
कुछ तस्वीर...
गज़ल
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कागजों से भी क्या दोस्ती हो गयी
शायरी ही मेरी ज़िंदगी हो गयी
जब खुदा ने करम ज़िन्दगी पर्किया
बंदगी से गमी भी खुशी हो गयी
दिल की बंजर जमीं पर उगा इक खिया...
‘नाबाद’ के बहाने ‘बाद’ की बातें
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[image: Sachin-Tendulkar[5]]
रो जमर्रा की भाषा में ऐसे अनेक शब्दों का समावेश रहता है जिनका अक्सर अन्य
भाषाओं में अलग तरीके से इस्तेमाल होता है। ऐसे शब्दों ...
Resep Tempe Bacem Praktis - Resep Masakan 4
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Resep Tempe Bacem Praktis dan Enak. Tempe di bacem adalah resep yang sering
kita jumpai, tahukah anda bagaiman cara membuat makanan ini?. Ternyata eh
terny...
मतदाता जागरूकता गीत
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आजकल भारत का चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में पूरी ताकत से लगा
हुआ है। प्रशासनिक मशीनरी वोटर लिस्ट की तैयारी से लेकर विविध प्रकार के
संसाधनों क...
'गारगोटी' की अद्भुत दुनिया !
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सूई सी नुकीली संरचना
“I try to sprinkle a little gems and jewels in the music that people
could use in their own life.”
– Nipsey Hussle
कभी ...
बधाई ..
जवाब देंहटाएंcongrats!
जवाब देंहटाएंबधाई -जम्मैथा तो छा गया
जवाब देंहटाएंबेहतरीन.....बहुत बहुत बधाई ....!!!!
जवाब देंहटाएंलो जम्मैथा खरबूजा आ गया .बधाई मिश्र जी
जवाब देंहटाएंजमैथा के खरबूज की खुशबू तो यहाँ तक आ रही है...
जवाब देंहटाएंबधाई!
जवाब देंहटाएंआप को आलेख सीधे अखबारों को भी प्रेषित करने चाहिए।
bahut bahut badhai...blog post ka samaachaar patra mein aanaa khushee kee baat hai..
जवाब देंहटाएंबधाई जी बधाई ..छा गये जी जमैथा के खरबूजे तो.
जवाब देंहटाएंरामराम.
वाह !! बधाई !!
जवाब देंहटाएंbadhayi ho janaab
जवाब देंहटाएंवाकई अलबेला है "जमैथा का खरबूजा "। ये दिल्ली तक पहुंचेगा ,इसमे कोई शक नही था !!!
जवाब देंहटाएंवाकई कमाल का है जमैथा का खरबूज.....समाचार पात्र में भी आ गया..............बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
मनोज जी सिर्फ पढ़वाने से काम नहीं चलेगा हमारे लिये तो भिजवाइये वर्ना रंग कैसे बदलेंगें भाई...
जवाब देंहटाएंBahut bahut badhai.
जवाब देंहटाएंजमैथा का खरबूज तो अब बहुत महंगा हो गया होगा आप के इस लेख ने उसे विशव मै प्रसिद्ध कर दिया, जल्द से दो चार खरबुजे अब भेज ही दो.
जवाब देंहटाएंपण्डितजी सर्वप्रथम तो २८ मई के खरबूजे वाले आलेख के लिए आपका बहुत बहुत आभार। जानकारियाँ अत्यंत रोचक थीं। बाद इसके अमर उजाला में लेख छपने की बहुत बहुत बधाई। प्रिंट मीडिया को भी अपना दोस्त बनाने का अब समय आ रहा है ऐसा लगता है। हम सबको मिलकर इस बारे में कुछ क़दम उठाने चाहिये शायद। आपकी क्या राय है सर ? अमर उजाला को हमारी ओर से धन्यवाद भी प्रेषित कीजिएगा। आपका मित्र।
जवाब देंहटाएंजमैथा के खरबूज की चर्चा तो सुनी थी पर आपने तो उसे विश्व-प्रसिद्ध बना दिया..बधाई !!
जवाब देंहटाएं_______________
विश्व पर्यावरण दिवस(५ जून) पर "शब्द-सृजन की ओर" पर मेरी कविता "ई- पार्क" का आनंद उठायें और अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराएँ !!
bahut bahut badhaee
जवाब देंहटाएंbadhaayee is post ke prakashan par--
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएं