बुधवार, 26 अक्तूबर 2011

शुभ दीपावली ...


अपने सभी मित्रों, आदरणीय जनों को प्रकाश पर्व पर बहुत-बहुत शुभकामनायें..... शुभ दीपावली ..... जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। नई ज्योति के धर नए पंख झिलमिल, उड़े मर्त्य मिट्टी गगन स्वर्ग छू ले, लगे रोशनी की झड़ी झूम ऐसी, निशा की गली में तिमिर राह भूले, खुले मुक्ति का वह किरण द्वार जगमग, ऊषा जा न पाए, निशा आ ना पाए जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। सृजन है अधूरा अगर विश्‍व भर में, कहीं भी किसी द्वार पर है उदासी, मनुजता नहीं पूर्ण तब तक बनेगी, कि जब तक लहू के लिए भूमि प्यासी, चलेगा सदा नाश का खेल यूँ ही, भले ही दिवाली यहाँ रोज आए जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। मगर दीप की दीप्ति से सिर्फ जग में, नहीं मिट सका है धरा का अँधेरा, उतर क्यों न आयें नखत सब नयन के, नहीं कर सकेंगे ह्रदय में उजेरा, कटेंगे तभी यह अँधरे घिरे अब, स्वयं धर मनुज दीप का रूप आए जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। ------ गोपालदास "नीरज"

30 टिप्‍पणियां:

  1. आई है दिवाली देखो संग लायी है खुशियाँ देखो.
    यहाँ, वहां, जहाँ देखो
    आज दीप जगमगाते देखो!
    शुभ दीपावली!

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  2. सुन्दर प्रस्तुति ।
    आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें मनोज जी ।

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  3. .. आपको भी दीपपर्व की शुभकामनाएं !!

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  4. आपको भी परिवार सहित दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  5. गोपाल दास नीरज की यह कविता उनके मुख से सुनने का सौभाग्य मिला है। एक पंक्ति को पकड़ कर मैने भी लिखा था....

    जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना
    जरुरत से ज्यादा कहीं जल न जाये।

    मिलावट करो पर रहे ध्यान इतना
    खाते ही कोई कहीं मर न जाये।

    करो पाप लेकिन घड़ा भी बड़ा हो
    मरने से पहले कहीं भर न जाये।

    ....शुभ दीपावली।

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  6. दीपावली पर शुभकामनायें स्वीकार करें !
    सादर !

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  7. नीरज जी की सुंदर रचना की प्रस्तुति के लिये बहुत बहुत बधाई…। दीपोत्सव के चतुर्थ दिवस "गोवर्धन पूजा" की अनेकों शुभकामनायें।

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  8. आपको एवं आपके परिवार को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये.

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  9. नीरज जी का यह गीत बहुत पसंद है मुझे भी. आभार इसे यहाँ पढवाने का.

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  10. आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

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  11. दिवाली पर सामायिक कविता से रूबरू करवाया है आपने. धन्यवाद.

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  12. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति दी है आपने ...आभार

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  13. सभी शुभ आशाएं पूर्ण हो ...
    शुभकामनायें !

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  14. नीरज जी की सुंदर रचना के लिये बहुत बहुत बधाई.
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

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  15. प्रिय मनोज जी नीरज जी की यह रचना याद दिलाया आप ने मन हर्षित हुआ ये सदा बहार है ..आभार आप का .....दीवाली सब के मन को रोशन करे सदा .....जय श्री राधे
    भ्रमर ५

    कटेंगे तभी यह अँधरे घिरे अब,
    स्वयं धर मनुज दीप का रूप आए
    जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना
    अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।

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  16. INDEED, OUR LAMP SHOULD NOT BE ONLY FOR OURSELVES BUT FOR ALL THE HUMANITY. ONLY THE LIGHTED BEHAVIOR OF HUMAN BEING CAN BRING THE PEACE AND PROSPERITY IN THE WHOLE WORLD. THANKS FOR THE INSPIRING POEM.

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  17. कब तक दिया जलायें? जाड़े में टोली कुछ गा-बजा नहीं रही है!..सुनिये न।

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  18. महान रचनाकार नीरज की पंक्तियों को पढवाने के लिए आपका साधुवाद मनोज जी ....

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  19. अब नववर्ष की तैयारी हो रही होगी।

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  20. आपके उत्‍कृष्‍ठ लेखन का आभार ।

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  21. कभी-कभी कोई पोस्ट डाल दिया करें...समय निकाल कर..

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  22. इस शमा को जलाए रखें।

    ईद की दिली मुबारकबाद।

    ............
    हर अदा पर निसार हो जाएँ...

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